सोशल न्यूज़ लाइव: खरगोन शहर की गौरीधाम कॉलोनी निवासी डॉ.श्वेता चौधरी जिनका जन्म भोपाल में 4 सितम्बर 1979 को हुआ। जिनके पिता श्री रमेश कुमार गौर और माता श्रीमती अंजली गौर है । उनके एक बड़े भाई प्रशांत कुमार गौर है, उनका परिवार इंदौर में निवासरत है। डॉ. श्वेता चौधरी ने अपनी स्नातक शिक्षा बी.कॉम इंदौर से पूर्ण किया। 10 मई 2001 में उनका विवाह श्री सुनील चौधरी के साथ संपन्न हुआ। जिनका स्टोन क्रेशर का व्यवसाय है। उनकी दो सन्तान है 18 वर्षीय पुत्र आदर्श चौधरी व 14 वर्षीय पुत्री अनुष्का चौधरी। डॉ श्वेता ने सन 2006 से सेवा भारती कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र में कंप्यूटर प्रशिक्षिका के रूप में अपना कार्यकाल आरम्भ किया। सन 2010 में देवी रुक्मणी शिक्षण संस्थान के महाविद्यालय में व्याख्याता रही और तब से ही समाज सेवा के कार्यो की शुरआत भी करी। इसी कार्यकाल में उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर शिक्षा एम.एस. सी. (कंप्यूटर विज्ञान) में पूर्ण करी। सामाजिक कार्यो, वक्तव्य, साहित्य, कविता लेखन व वाचन आदि कार्यो में अत्यंत रुची होने के व स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारणवश 2014 में अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। इसी वर्ष से सामाजिक सहभागिता और रुची होने की वजह से लॉयनेस क्लब संजीवनी की चार्टर व अध्यक्ष बनी पूरे खरगोन शहर के साथ साथ इंदौर शहर में भी एक श्रेष्ठ व्यक्तित्व की छवि निर्माण की। लॉयनेस क्लब में डिस्ट्रिक्ट प्रेसीडेंट द्वारा अद्भुत, सर्जनात्मक सेवा गतिविधियों हेतु 42 अवार्ड प्राप्त हुए, जिसमे 2 वर्ष बेस्ट प्रेसीडेंट का अवार्ड मिला। वर्ष 2015 में बीएड की डिग्री पूर्ण की।
वर्ष 2016 में आया एक नया मोड़। 7 अप्रेल 2016 में उन्होंने समाज सेवा के कार्यो को निरंतर बनाये रखने के लिए अपने स्वयं के एन जी ओ खुशहाली सेवा संस्थान की स्थापना करी। जो कि 4 वर्ष 3 माह में पूरे खरगोन शहर में अत्यंत लोकप्रिय और जमीनी स्तर पर कार्य करने वाला संगठन बन गया है। वर्ष 2018 में उन्होंने देहदान का स्व घोषणा पत्र भरा और संस्था का स्थायी प्रोजेक्ट बनाकर अब तक 82 लोगो को प्रेरित कर संस्था द्वारा पंजीयन कराया गया।
वर्ष 2019 में भारतीय मानव अधिकार न्याय सुरक्षा परिषद, नई दिल्ली संगठन में जिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ की नियुक्ति दी गयी, 3 माह सक्रियता से कार्य करते हुए संगठन में पारदर्शिता नही होने की वजह से उनने स्वयं त्यागपत्र दे दिया।
वर्ष 2006 से 2020 तक के मध्य उन्होंने कई प्रकार के संघर्ष किये। उनके पति प्रारम्भ में यह सब कार्य करने हेतु रजामन्द नही थे, तो भी वे नही मानी अपने निर्णय पर अडिग रही और कहा कि मैं कुछ गलत कार्य नही कर रही हूं, मुझे ये सब करना अच्छा लगता है और निरन्तर करती गयी। विवाह के बाद उनकी शिक्षा का व्यय नौकरी कर के स्वयं ही वहन किया, घर की भी पूरी जिम्मेदारी संभाली, नौकरी भी की, समाज सेवा भी की । अपने स्वाभिमान के साथ, संघर्षरत रहकर स्वास्थ संबंधी समस्याओं का सामना करते हुए आज एक सफल नारी शक्ति की जीवंत मिसाल बनी हुई है। 2014 से जब मान सम्मान, पुरस्कार, उपलब्धियां मिलने लगी तब से परिवारजन प्रसन्न रहने लगे और आज वे भी इन ढेर सारी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं।
लगभग 10 साल से समाजसेवा के कार्यो में सक्रिय है और वर्तमान समय में अपने कार्यो से एक ऐसी हस्ती बन चुकी है जो की शहर और आसपास के क्षेत्रो में तो प्रतिष्ठित है ही ,परन्तु अब वे राष्ट्रीय स्तर पर शहर और देश का प्रतिनिधित्व करती नजर आएंगी। हाल ही में राष्ट्रीय एन. जी. ओ महासंघ द्वारा डॉ. श्वेता चौधरी जी को पदौन्नति देते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है, जोकि उनकी सतर्कता और जागरूकता ,समाज सेवा आवाज़, भाषा शैली, प्रभावशाली वक्तव्य, व व्यक्तित्व, अभिन्न सोच, सार्थक प्रयास और शब्दों की गहराई का असर है और साथ ही समाज सेवा क्षेत्र में सक्रियता का प्रतिफल है । आप पहले ही से महासंघ की डिस्ट्रिक्ट प्रेसीडेंट , मानवाधिकार एक्शन फोरम की राष्ट्रीय एडवाईसारी मेंबर , एक सामाजिक न्यूज़ चेंनल की ब्यूरो चीफ लायंस क्लब की चार्टर, प्रेरणादायी वक्ता, काउन्सलर है । वे कभी भी किसीकी सहायता करने से पीछे नही हटती हैं ।
अब तक अनगिनत पीड़ित महिलाओं व विध्यार्थियो की निशुल्क काउन्सलिंग कर चुकी है और 15 महिलाओं को रोजगार दिलवा चुकी है।
आप समाज सेवा में मानद उपाधि (डॉक्टरेट) से नवाजी जा चुकी है तथा राष्ट्रीय स्तर का उम्मीद रत्न सम्मान भी प्राप्त हुआ है। वे गत 4 वर्षो से खुशहाली सेवा संस्थान एन.जी.ओ जोकि राष्ट्रीय एन.जी.ओ महासंघ एवं सुभाषचंद्रा फाउंडेशन से संबद्ध है को भी सकुशल चला रही है, जोकि खरगोन शहर में जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली सर्वश्रेष्ठ संस्था है । इसी के साथ साथ वे गृहिणी भी है , घर और अपनी समाजसेवा के कार्यो में भी अति श्रेष्ठ संतुलन बनाये रखती है । वास्तिवकता में डॉ.श्वेता चौधरी आज की नवीन एवं युवा पीढ़ी के लिए एक श्रेष्ठ उदाहरण है, और मेहनत एवं सतत प्रायसो से सार्थक कामयाबी का प्राप्त करने की जीती जागती मिसाल है । उनसे बात करने पर उन्होंने बताया कि वे सुबह 5 बजे से उठकर कार्य प्रारंभ करती है और रात को पूरे कार्य चाहे घर के हो या समाजसेवा ऑफिसियल वर्क आदि को समाप्त करके ही आराम करती है। उनका कहना है कि हमेशा सकारात्मक रहे , और प्रयास करते रहे , सफलता और ख्याति अपने आप प्राप्त होती है। इतने सारे क्षेत्रों में विभिन पदो पर आसीन, कई सम्मान व उपलब्धियां मिलने के बावजूद भी उनके विनम्र व्यवहार कुशलता, समान भाव से सभी को महत्व देना, द्वेष भाव न होना आदि योग्यताओं से परिपूर्ण वे सफल, अमिट छवि बनी हुई है।